विटामिन ई टेबलेट लगाते हैं तो ध्यान दें

 विटामिन ई टेबलेट को बालों और चेहरे पर लगा सकते हैं, लेकिन इसका अधिक प्रयोग करने से बचना चाहिए

पानी और हवा की खराब गुणवत्ता का हमारे बालों और चेहरे पर काफी असर पड़ रहा है। साथ ही संतुलित आहार और पर्याप्त नीद की कमी भी यह दिक्कत बढ़ा रही है। इसके चलते विटामिन टेबलेट्स का प्रयोग बढ़ गया है। इसी तरह त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ई की टेबलेट लगाने का चलन बढ़ा है।
विटामिन ई

विटामिन ई त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद करता है और सूखी त्वचा को मुलायम बनाता है। इसे लगाने से चेहरे पर मौजूद दाग, धब्बे, मुंहासों के निशान और झुर्रियों में भी फायदा पहुंचता है। यह सूरज की यूवी किरणों से त्वचा को बचाने में सहायता करता है। सामान्य मात्रा में विटामिन ई का उपयोग करने पर कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में उपयोग करना खतरनाक हो सकता है। खासकर संवेदनशील त्वचा वाले तो इसका प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करे। उनकी दिक्कत बढ़ सकती है। चूंकि यह नमी बढ़ता है, ऐसे में अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो और अधिक तैलीय हो सकती है। अधिक मात्रा में लगाने पर चेहरे के छिद्र बंद हो सकते हैं। इससे मुंहासे बढ़ सकते हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ --- 

विटामिन टेबलेट को सीधे प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में उपयोग खतरनाक हो सकता है। इसका प्रयोग करने से पहले इसे किसी हिस्से पर लगा कर आजमा लें। उसके बाद ही प्रयोग करें। --- (डॉ संतराम वर्मा, वरिष्ठ फिजिशियन)

विटामिन क्या है 

रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है, जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता; बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक है।

विटामिन ई 

विटामिन ई, खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। इसे टोकोफ़ेरल भी कहते हैं। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांसपेशियां एवं अन्य टिशू या ऊत्तक। यह शरीर को ऑक्सिजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सिजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन ई, कोशिका के अस्तित्व बनाये रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाये रखता है। विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है।


समय से पहले हुये या प्रीमेच्योर नवजात शिशु (Premature infants) में, विटामिन ई की कमी से खून में कमी हो जाती है। इससे उनमें एनिमीया (anemia) हो सकता है।

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